Chunariya (From "Mango Talkies")

बारिशें रंगों को तलाशें, रेत पे ये जा गिरें
नभ पे, ज़मीन पे भटकी सी फिरें
ऐसी क्यूँ बारिश आवारी? कोई जाने ना
जैसे लगे चूनर बंजारी रंगों के बिना

अखियाँ ये रंगों को तलाशें, आँसुओं से जा मिलें
इश्क़ को छूकर लौटी हैं, दर्दों में फिरें
ऐसी क्यूँ अखियाँ आवारी? कोई जाने ना
जैसे लागे चूनर बंजारी रंगों के बिना

चूनरिया बेरंग सी, अश्कों के है रंग सी
चूनरिया बेरंग सी, अश्कों के है रंग सी
रंगों सी, बेरंग सी

अँधेरों से लड़ती रहीं, जलती रहीं पलकें
किरणें क्यूँ फिर लौटी नहीं? देखो ज़रा चल के

तारे यहाँ सब चाहें, रातें कोई चुनता नहीं
रब कोई दूजा ढूँढो, रब तो ये सुनता नहीं
नब्ज़ों में बहता जो, लफ़्ज़ों में बुनता नहीं
मेरी चीखें कोई सुनता नहीं

ज़ख्मी सी लौटी हर दुआ वो, रब तक थी जो चली
टूटी सी, बिखरी सी, टुकड़ों में है मिली
सारी दुआएँ क्यूँ हारी? कोई जाने ना
जैसे लागे चूनर बंजारी रंगों के बिना

चूनरिया बेरंग सी, अश्कों के है रंग सी
चूनरिया बेरंग सी, अश्कों के है रंग सी



Credits
Writer(s): Shivang Mathur, Shayra Apoorva
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