Gumsum

गुमसुम ख़यालो मे खोया रहा
महफूज़ रातो मे रोया रहा
निंदिया भी चाहू तो ना आए
मन भी मोरा गबराये

निंदिया भी चाहू तो ना आए
मन भी मोरा गबराये

चिड़िया के उड़ने से पहले

ख्वाबों के आसमान में

सपनो मे दरिया में
फीणी केसरिया में
खो जाऊ रे
खो जाऊ रे

दिल मोरा मनवा बोले
सावन में तन्हा छुले
वो, ओ ओ, ओओ, ओ ओओ

चाँदनी सी रातें
गोरी मुझको रे चाहे
छूके जाए तन को
ठंडी हवायें
ठंडी हवायें. छूके जाए...

गुमसुम ख़यालो मे खोया रहा
महफूज़ रातो मे रोया रहा
निंदिया भी चाहू तो ना आए
मन भी मोरा गबराये

निंदिया भी चाहू तो ना आए
मन भी मोरा गबराये



Credits
Writer(s): Sarthak Nakul And Rahul Jain, Sarthak Nakul
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