Hai Koi

है कोई कहीं ना कहीं
मेरे लिए जो है बना
बदमाश है, नादान है
मेरी जान है, उसे क्या पता
मुझको मेरी तरह ढूँढता, सोचता

है कोई कहीं ना कहीं
मेरे लिए जो है बना
गुमसुम रहे, ग़लती करे
हर काम में जो हर दफ़ा
मुझको मेरी तरह ढूँढता, सोचता

छन से जो आए नज़र
हो जाए फिर कहीं लापता
उस से है जो रिश्ता कोई
पर क्या है वो, मेरे ख़ुदा?

पा सा नि रे, सा गा रे मा
ग प म ग रे म ग नि सा

थाम कर बाँहें चलें
कभी आसमाँ के उस तरफ़
इतनी हों ख़ामोशियाँ
कि सुन ले तू दिल की धड़क

उम्र-भर हो यक़ीं
पास हो बस तुम ही
और क्या हो आरज़ू
मैं क्या कहूँ? और क्यूँ कहूँ?

मिल गया सब कुछ मुझे
जब हो तुम मेरे रू-ब-रू

चाहता हूँ मैं तुझे कुछ
इस तरह से, जान-ए-जाँ
कि हवा भी आ सकेगी
ना हमारे दरमियाँ

साथ होंगे हम इस तरह से
जैसे साथ होते हैं जिस्म-ओ-जाँ
तू अगर कहीं साथ ना हो
तो होगी ज़िंदगी ये धुआँ



Credits
Writer(s): Aseem Ahmed Abbasi
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