Ae Khuda

ऐ जहाँ
ऐ समाँ
ऐ खुदा

कहाँ है छुपा
मैं ढूंड़ता ही रहा

क्या से क्या
हो गया
इस जहाँ से
तू हो गया
जुदा
आसमाँ भी
रो पड़ा

तेरे बिना
ऐ खुदा
तू कहाँ
है छुपा

क्या सज़ा है
सह रहा
यह इंसान क्यों
कह रहा
पंछी था मैं
कायर बन गया

तेरे बिना
ऐ खुदा
तू कहाँ
है छुपा
नज़रे तू मिला
क्यों गिर गया

लौट आ
ऐ खुदा
क्या हुई
मुझसे खता

ऐ खुदा
ऐ खुदा
ऐ खुदा
ऐ खुदा
ऐ खुदा
ऐ खुदा
मान जा



Credits
Writer(s): Shrenik Ganatra
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