Samjho Na

मेरे दिल की चौखट से तुझे देखूँ मैं
झिलमिलाती छाया है तू
इस दिल में छुपे हर कोने से हमें देखूँ मैं
हर सँवेरे का सपना है तू

मेरा दिन ना कटे तुझ से बोले बिना
मेरी जाँ रुक सी जाए तुझे देखे बिना
मेरे दिल के ये सपने, समझो ना

मेरी हर किताब के आख़िर में हैं बस नाम तेरा
यूँ ही लिख के छुपाता फिरूँ
ऐसे ही थम जाए ये लमहा, बस यही चाहूँ मैं
तेरे साथ ही बैठा रहूँ

मेरा दिन ना कटे तुझ से बोले बिना
मेरी जाँ रुक सी जाए तुझे देखे बिना
मेरे दिल के ये सपने, समझो ना



Credits
Writer(s): Siddharth Gupta
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