Ud Jaon

सूरज जैसै रोशनी सा रोशन हो तू
बारिशों में जैसे महके भीनी सी खुशबू

सूरज जैसै रोशनी सा रोशन हो तू
बारिशों में जैसे महके भीनी सी खुशबू

जो राहतें, इन रास्तों से मिली
अब ज़िंदगी, मेरी मुक्कमल हुई

इन हवाओं को ओढ़ लूँ
और उड़ जाऊँ मैं बादलों में कहीं
इन हवाओं को ओढ़ लूँ
और उड़ जाऊँ मैं बादलों में कहीं

सर्दियों में धूप से जो मिलता सुकूँ

सर्दियों में धूप से जो मिलता सुकूँ
गर्मियों में छाँव देता मेरा जुनूँ

जो राहतें, इन रास्तों से मिली
अब ज़िंदगी, मेरी मुक्कमल हुई

इन हवाओं को ओढ़ लूँ
और उड़ जाऊँ मैं बादलों में कहीं
इन हवाओं को ओढ़ लूँ
और उड़ जाऊँ मैं बादलों में कहीं



Credits
Writer(s): Ankit Kaneri
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