Namaz

दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह

कोई एक पल किसे नै भी याद ना करै
कोई एक पल किसे नै भी याद ना करै
कोई याद करै किसे नै नमाज़ की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
रै झूठ बोल जावै लोग कती

है दूर दूर तक रात ना दिखै सै
लाख चेहरा म भी एक चेहरा दिखै सै
हालात जै कोई पूछै मेरे के मैं बताऊँ
मनै आँख खोल्या पाछै भी अँधेरा दिखै सै

दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह

ना तो तेरा है कसूर ना ही मेरा है कसूर
ये तो ऊपर आले के लिखे मैं भोगु दस्तूर
ना तो तू के मेरी लागै तनै याद क्यूँ करू
अपणी दुआ तेरे पै मैं बर्बाद क्यूँ करूँ

दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
रै झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह

जबान तै वो इंसानियत का ढोंग रचावै था
और आँख्या म देख्या तो वो खुद नै खुदा बतावै था
वो छोड़ गया मेरा साथ और मैं कल्ला ऐ रह ग्या
ज़माने की नज़रा म बणकै नै मैं झल्ला ऐ रह ग्या

रै ये आते कोन्या सांस मनै ला लिया ज़ोर
मेरे दिल नै ऐ सांसा तै तोड़ दी ये डोर
हर टैम तनै नु मैं ढूंढता रहूं
जैसे पूरी दुनिया मैं है ऐ नि कोई और

तेरी याद जब आई घणे उठे है तूफ़ान
तू मान चाहे ना मान मेरा होया नुकशान
तेरा मेरा नाता इस तरिया तै टूट ग्या
जैसे परिंदे तै आसमान रूठ ग्या

हो रात घणी ये सतावै
नींद आंख्या म ना आवै
मेरी आंख्या के म आरी लाली
जान ले ना जावै

पाणी आंख्या म था मेरै यो छुपाणा ना आया
मासूम नै यो दिल समझाणा ना आया
या तो सच म हाँ मेरे साथ होगी दगा
या प्यार अमनराज निभाणा ना आया

दिल टूटते फिरै सै आज कांच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह
रै झूठ बोल जावै लोग कती साच की तरह



Credits
Writer(s): Amanraaj Gill
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