Maine Puchha Chand Se

मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं? चाँद...

मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं?
चाँद ने कहा, "चाँदनी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं," मैंने पूछा चाँद से...

मैंने हर गली में तुझ को ढूँढा
हर जगह पता भी तेरा पूछा
Photo Insta' वाली भी दिखाई
पर ख़बर ना तेरी मैंने पाई

मैंने पूछा झरने से कि देखी है कहीं
तुमने ऐसी जलपरी?
झरने ने कहा, "हर लहर की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"

मैंने ये हिजाब तेरा ढूँढा
हर जगह शबाब तेरा ढूँढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी
फ़ूलों में जवाब तेरा ढूँढा

मैंने पूछा बाग़ से, "फ़लक हो या ज़मीं
ऐसा फूल है कहीं?"
बाग़ ने कहा, "हर कली की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं"

मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं?
चाँद ने कहा, "चाँदनी की क़सम
नहीं, नहीं, नहीं," मैंने पूछा चाँद से...



Credits
Writer(s): Shivam Grover
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