Teri Baatein Mulaqatein

तेरी बातें, मुलाक़ातें...
तेरी बातें, मुलाक़ातें मेरे सपनों में जाग जाती हैं
तेरी बातें, मुलाक़ातें मुझे सपनों में ले जाती हैं
तेरी निगाहें मेरी नींदों में मैंने आज भी छुपाई रखी हैं

तेरी बातें, मुलाक़ातें मेरे सपनों में जाग जाती हैं
तेरी बातें, मुलाक़ातें मुझे सपनों में ले जाती हैं
तेरी निगाहें मेरी नींदों में मैंने आज भी छुपाई रखी हैं

तू लौटी नहीं, वक्त थम सा गया
पलकें झुकी में वो हैरान सा
तू लौटा नहीं, रुक-रुक सी गई
पलकें झुकी में तुम हैरान से

दूरियों में जो नशा है, उसे जीने लगा हूँ मैं
क़िस्मत की लकीरों में आशियाना बुनता हूँ मैं

तेरी बातें, मुलाक़ातें मेरे सपनों में जाग जाती हैं
तेरी बातें, मुलाक़ातें मुझे सपनों में ले जाती हैं
तेरी निगाहें मेरी नींदों में मैंने आज भी छुपाई रखी हैं

तू समझा नहीं, मैं मासूम सी
हँसते चेहरों में मैं दीवानी बनी
Ooh, ooh, ooh
तू समझी नहीं, मैं नादान सा
हँसते चेहरों में मैं दीवाना बना

मेरी आदत में तू है, इसे ना छोड़ पाऊँ मैं
ख़्वाहिशों के नगर में रंजिश-ए-बेजा मैं

तेरी बातें, मुलाक़ातें मेरे सपनों में जाग जाती हैं
तेरी बातें, मुलाक़ातें मुझे सपनों में ले जाती हैं
तेरी निगाहें मेरी नींदों में मैंने आज भी छुपाई रखी हैं



Credits
Writer(s): Ashok Bhadra, Suchetana Dey
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