Chand Ka Tukda

दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"
दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं...
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा

दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं...
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"

घर से ना निकलो तुम कभी भी शाम को
भूल जाएँगे लोग देखना चाँद को
बिना सिंगार कितना चेहरे पे नूर है
मयखानों में भी नहीं, वो नैनों में सुरूर है
नैनों में सुरूर है

नहीं देखना ताज महल अब, देख लिया तेरा मुखड़ा
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं...
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"

सूरज की लाली तेरे होंठों पे रहती है
नदिया दीवानी, तेरे अश्कों से बहती है
संगमरमर सा बदन खुदा ने तराशा है
तुझे क्या पता तेरा समुंदर भी प्यासा है
समुंदर भी प्यासा है

सिंगार की नहीं ज़रूरत, कितना सुंदर मुखड़ा
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं...
नासमझ हैं वो, उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको, "चाँद का टुकड़ा"



Credits
Writer(s): Tony Kakkar
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