Din Ra Hapta

दिन र हप्ता गर्दै बित्दै गो
मायाबिना जिन्दगी जाने भो
थी एउटी मेरो मामाघरे सहरको
तर माया गर्छिन् साँच्ची हो कि ख्यालख्यालको?

कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
यसरी मन फस्यो, लौ न हो!
लैबरी लै

कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
यसरी मन फस्यो, लौ न हो!
लैबरी लै (लैबरी)

लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै (लैबरी लै, लै, लै)

ऐँसेलुको पातैमा माकुराको जाल
मुग्लानको माया छोडी फर्किन्छु यो साल
माया गरेँ, तिमीसँग गर्छु घरबार
राम्रो मुखले भन्छु, मान, नत्र देख्छौ पारा

बन्दुकको गोली यो मेरो बोली
फर्केर फर्के त के?
माया म गर्छु, टोलै थर्काउँछु
मायालु तर्के त के?

कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
यसरी मन फस्यो, लौ न हो!
(लैबरी लै, लै, लैबरी लै, लै, लै)

कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
कसरी माया बस्यो, लौ न हो!
यसरी मन फस्यो, लौ न हो!
लैबरी लै (लैबरी)

लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै (लैबरी लै, लै, लै)

लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै, लै, लै
लैबरी लै (लैबरी)
लैबरी लै, लै, लै



Credits
Writer(s): Brijesh Shrestha
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