Khwaab Hai Ya Haqeeqat (From "Shukranu")

ये ज़मीं है या कोई जन्नत
ख्वाहिशों को मेरी है हैरत
इसे इश्क मैं कहूँ
या कह दूँ मोहब्बत

छोड़ के मुझको मेरा लो दिल चला है
शहर की धूप में यूँ चाँद खिला है
होश कैसे संभालूँ इतनी तू खूबसूरत

ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत

तेरे हाथ मैंने दी, साँसों की डोर है
तुझसे ही रात है, तू ही मेरी भोर है
ठहरे से पाने में, लहरों का शोर है
दिल ने करवटें ली, क्या हसीन दौर है

मेरी धड़कनों की सुन जरा आहट
बेचैन मैं तू दे राहत
इसे इश्क मैं कहूँ या कह दूँ मोहब्बत
छोड़ के मुझको मेरा लो दिल चला है

शहर की धूप में यूँ चाँद खिला है
होश कैसे संभालूँ इतनी तू खूबसूरत

ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत

आँचल से बाँधा जो तेरा रुमाल है
एक पल में सौ दफा तेरा ख्याल है
कहनी थी बातें सौ और कुछ सवाल है
चल फिर मिलेंगे हम दूरी फिलहाल है

अगर यादों में रहे तेरी सौबत
फिर तन्हा है कहाँ मेरी उलफ़त
तू जरूरी मुझको मेरी जरूरत
छोड़ के मुझको मेरा लो दिल चला है

शहर की धूप में यूँ चाँद खिला है
होश कैसे संभालूँ इतनी तू खूबसूरत

ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत
ख़्वाब है या हकीकत



Credits
Writer(s): Sanjay, Yash Eshwari, Jaydip
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