Sufi

तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा
तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है
तू ना तो कुछ ना हो मेरा

ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझमें
पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझमें
जाना जीना हो तेरा

तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा

ये हल्की मुस्कानें तेरे लिए हैं
जेबों में जो भर के लाया
ख़्वाबों की खिड़की कर दूँ मैं तिरछी
दिल में आने दूँ तेरा साया

तू चाँद है, मैं अँधेरा
तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है
तू ना तो कुछ ना हो मेरा

ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझमें
पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझमें
जाना जीना हो तेरा

तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा

हमेशा ये लम्हे सीधे ही
दिल से तारीफ़ें तेरी करते रहें
तोहफ़ें तुम्हारी अदाओं से मिल के
पलकों के नीचे गुज़रते रहे

तू नूर है, मैं वो हीरा
तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है
तू ना तो कुछ ना हो मेरा

ओ, ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझमें
पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझमें
जाना जीना हो तेरा

ओ, ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझमें
पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझमें
जाना जीना हो तेरा

तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा



Credits
Writer(s): Raghav Mathur, Akshay Shinde
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