Radha Radha

वृन्दावन में मुरली बाजे, राधा नाचे रे संग
गोपी मन संग कृष्णा लागे, राधा होगे हे तंग

हाँ, भागंव पीछे-पीछे, जियूँ मैं ऐसे-कैसे
न कुछु अउ समझ आवए
तोर सुरता म संगी, फिरंव मैं आधा राती
ओ राधा लउट के कब आबे?
मोर राधा तैं देख पाते, मोर नैना तोर से मिले

कथा पाठ तोर से, चारो धाम तोर से
सोम, मंगल, बुध, शनि, रविवार तोर से

राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा, राधा, राधा, राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा

कृष्णा के मुरली तैं हँस, सुर अउ सरगम भी तैं
रास-लीला, हरा अउ पीला, रंग के संगम भी तैं
कैसन झल्ला होहुँ मैं राधा, तोर बिना मैं राधा हंव आधा
तोर से ही तो हे मोर वादा, तोर से ही जुड़े हे इरादा

ये कहानी...
ये कहानी हवय पुरानी
मैं तोर राजा, तैं मोर रानी
ये कहानी हवय पुरानी
मैं तोर राजा, तैं मोर रानी

हर सवेरा तंहि, संझा-बेरा तंहि
मोर राधा, मोर तैं पहेली
मोर कविता तंहि, मोर डोर-फीता तंहि
जन्मों-जनम के रिश्ता तंहि
मोर राधा तैं देख पाते, मोर नैना तोर से मिले

कहानी पुरानी, सुन राधा मोर रानी
हर जनम संग निभाबो, तैं सुनले मोर जबानी

राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा, राधा, राधा, राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा

राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा
राधा, राधा, राधा, राधा
राधा-राधा, मोरे राधा-राधा



Credits
Writer(s): Gg, Abhilash Agrawal
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