Dil Ki Gullak (From "Baarish Season 2")

दिल की गुल्लक में प्यार के सिक्के
थोड़े-थोड़े डाल के जमा कर लिए

हो, दिल की गुल्लक में प्यार के सिक्के
थोड़े-थोड़े डाल के जमा कर लिए
कहते हैं, "इश्क़ में दर्द बहुत है"
थोड़े-थोड़े बाँट के दवा कर लिए

ये इश्क़ अब ले जो इम्तिहाँ
देने चले हम बेपरवाह

चाय की वो टपरी पे, भीगी-भीगी छतरी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए
सौंधी-सौंधी सर्दी में, बातों की ये नरमी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए

चाय की वो टपरी पे, भीगी-भीगी छतरी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए
सौंधी-सौंधी सर्दी में, बातों की ये नरमी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए

Hmm, दिल की गुल्लक में प्यार के सिक्के
थोड़े-थोड़े डाल के जमा कर लिए

दिन का हो कोई भी लमहा
पर तुझ को जो देखूँ वो ही सुबह है
छुप-छुप के और जो इशारों में हो
तो उस इश्क़ का कुछ अलग ही मज़ा है

लमहों ने लिख दी एक दास्ताँ
खामोशियों की पढ़ते ज़ुबाँ

थोड़ी सी बेसब्री में, थोड़ी सी बेख़बरी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए
खिली-खिली ख़ाहिशों में, गीली-गीली बारिशों में
इश्क़ ये बढ़ता जाए

थोड़ी सी बेसब्री में, थोड़ी सी बेख़बरी में
इश्क़ ये बढ़ता जाए
खिली-खिली ख़ाहिशों में, गीली-गीली बारिशों में
इश्क़ ये बढ़ता जाए

हो, ये क्या घड़ी है, हम अजनबी हैं
दुनिया मेरी क्यूँ मुझ से ख़फ़ा है?
लब कुछ कहें ना, दिल चुप रहे ना
जुदा होना तुझ से ख़ुद को सज़ा है

अब इश्क़ लेता जो इम्तिहाँ
दें हम अकेले कैसे भला?

तुझ से ही रूठी-रूठी, तुझ में ही टूटी-टूटी
ज़िंदगी की उलझी राहें
टेढ़ी-मेड़ी, ऊँची-नीची, लकीरों से दिल पे खींची
ज़िंदगी की उलझी राहें

Hmm, दिल की गुल्लक में प्यार के सिक्के
थोड़े-थोड़े डाल के जमा कर लिए



Credits
Writer(s): Shamir Tandon, Abhiv Gar
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