Kammo (Refix)

क्या हुआ जी?
क्या ढूंढ़ने आई थी भूल गई
जब मन भटकता है आदमी सब कुछ भूल जाता है जी
ऐसी अवस्था बहुत खराब होती है कम्मो जी
आप फ़ौरन इस्का इलाज करायें
इसका इलाज है?
चौकस है जी मेरे को सब खबर है
आइये आप इधर बैठिये
और आंखें बंद कर लिजिये
जब मन भटकने लगे
तो आंखें बंद करो और डूब जाओ अपनी आत्मा के भीतर
लो डूब गई!

डूब गया हूं मैं तेरी इन आंखों में
डूब गया हूं मैं तेरे जज़्बातों में
डूबना चाहूं फिर साथ तेरी रातों में
पर ख्याल मेरा कमी रह गई बातों में
हाथों में मैंने डाले न हाथ तेरे
बस एक रात फिर दिल और ख्याल तेरे
पूछूं मैं रोज़ क्या है अब हाल तेरे
देती जवाब न तू सुन कर सवाल मेरे
क्या हैं बातें ये हम तुम जो कर रहे?
मुझे जानना ना कुछ भी तू कहती रह
बस सुनने से मतलब है मुझको अब
सुन आवाज़ तेरी पानी सी बहती है
क्या मधुर तेरी बोली है
बिना सुने मर जाऊं जैसे लगे गोली है
तेरी बातें लगती अनोखी हैं
धीरे धीरे बढ़ रही चलरी कहानी है

अब बताइये वो चीज कैसी है?
कैसी का मतलब?
खाने की चीज है या पीने की?
न खाने की न पीने की!
मैं समझ गया जी
अब बोलिये नर है या मादा?
औरत जात या मरद जात?
तुम कौन हो?
जी अभी तक तो मरद जात हूं आगे की शिव जी मालिक हैं जी!
मैं इतनी गंभीर बात कर रहा हूं
और आपने बिच में हसना शूरु कर दिया
आप कैसी लड़की हैं कमो जी?
तुम्हें कैसी लगती हूं?

जैसी भी हो मुझे पसंद हो
दिखी हो हर जगह शायद भरम हो
खोलूं जो आखें तो सामने न हो
आंखें तरस जाति तुमसे मिलने को
पर क्या कहूं खुद को
दिल जुड़ा मेरा तो शायद न तेरा हो
उम्मीदें लेके बैठा हूं आज भी मैं
तेरे मेरे बीच में भी प्यार का वो पहरा हो
सवेरा हो तू खड़ी सामने हो
हाथ में हो चाय और प्यार से उठा री हो
बस इतनी सी ख़्वाहिश है
तेरे मेरे बीच में ना कोई दीवारें हों
सब कर लुंगा तुझको मैं पाने को
थाम लो हाथ मेरा कभी मत जाने दो
मुझे हो गई है शायद अब आदत ये
क्या ये इश्क है तुम ही समझा दो?

कम्मो जी ये जो आपके और मेरे बीच बातें हो रही हैं
ये कहीं इश्क प्यार की बातें तो नहीं?
अगर हो तो?
तो राम नाम सत्य ही समझिये!
ये जो अपने देश की पब्लिक है ना कम्मो जी
सब कुछ बरदास्त करती है
इश्क प्यार की बातें बिलकुल बरदास्त नहीं करती!



Credits
Writer(s): Subhesh Mishra
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