Rang

ऐसी तेरी ये बातें हैं
दिन है, पर तू ढूँढती रातें है
तू, ना जाने क्यूँ?

जैसी तेरी ये यादें हैं
जिसको तू खुल के सुनाती है
तू, ना जाने क्यूँ?

रंगों में अब रंग घुलते नहीं
अब रंग मिलते नहीं हैं यहाँ
फूलों में अब रंग दिखते नहीं
अब रंग छुपते कहीं हैं यहाँ (छुपते कहीं हैं)

फ़िर यहाँ तू चली आती है
बादल से खुल के गवाती है
तू, ना जाने क्यूँ?

ऐसे तू लहरों पे चलती है
बारिश भी धुन में मचलती है
यूँ, ना जाने क्यूँ?

रंगों में अब रंग घुलते नहीं
अब रंग मिलते नहीं हैं यहाँ
फूलों में अब रंग दिखते नहीं
अब रंग छुपते कहीं हैं यहाँ

जानू मैं, जानू मैं अब जानू नहीं
जाने तू, किसकी हैं यादें सभी
जानू मैं, जानू मैं अब जानू नहीं
अब कैसे भी पूछेगी नहीं

भूले-भूले अरमाँ हैं सारे
पर तू है और कहीं
भूले-भूले जहां हैं सारे
पर तू अब जाने नहीं

रंगों में अब रंग घुलते नहीं
अब रंग मिलते नहीं हैं यहाँ
फूलों में अब रंग दिखते नहीं
अब रंग छुपते कहीं हैं यहाँ (छुपते कहीं हैं)



Credits
Writer(s): Def Starz, Rachit Sharma
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link