Haaye Rabba

एक चाँद है और एक तू, दोनों हूबहू कैसे भला?
नींदों के बिना ख़ाब सा तू, मेरे रू-ब-रू कैसे बता?
जो चोरियाँ आँखों ने की उसकी सज़ा दिल ने सही
कर जो दिया अब ये गुनाह, मंज़ूर है हर वो सज़ा

हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा

जैसे हम दीवाने थे, वैसे ही दीवाने हैं
आज भी ये होंठों पे तेरे ही तराने हैं
मेरे ख़यालों में, दिल की किताबों में
लिखे तुझे मिलने के लाखों बहाने हैं

जैसे हम दीवाने थे, वैसे ही दीवाने हैं
आज भी ये होंठों पे तेरे ही तराने हैं
मेरे ख़यालों में, दिल की किताबों में
लिखे तुझे मिलने के लाखों बहाने हैं

शाम-ओ-सहर यूँ बीत गए
हम दुनियाँ भुलाकर जीत गए

हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा
हाय रब्बा, हाय रब्बा, हाय रे रब्बा



Credits
Writer(s): Siddharth Amit Bhavsar
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