Yeh Mann

कभी-कभी उड़ने को करता मन मेरा
कभी-कभी बेवजह ही मुस्कुराने लगे
कभी-कभी आइनों से बातें कर रहा
कभी-कभी गीत कोई गुनगुनाने लगे

तेरी चाहत है या सोहबत
कुछ समझ ना आ रहा

ये मन बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा

सजने लगी हूँ, सँवरने लगी हूँ
बिना बात यूँ ही हँसने लगी हूँ
सजने लगी हूँ, सँवरने लगी हूँ
बिना बात यूँ ही हँसने लगी हूँ

नहीं होश मुझको, ना फ़िक्र कोई
मिल जाए बस तेरा ज़िक्र कोई
जाने क्यूँ आहें भरने लगी हूँ
मुझ पे अब तेरा नशा है छा रहा

ये मन बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा

कभी खोई-खोई, कभी रोई-रोई
कभी जागती हूँ, कभी सोई-सोई
कभी खोई-खोई, कभी रोई-रोई
कभी जागती हूँ, कभी सोई-सोई

इसमें मेरी कुछ ख़ता नहीं
ये क्या है मुझको पता नहीं
किस ओर जा रही मेरे दिल की राहें?
हाँ, बस ये पता है, कोई दिल पे छा रहा

ये मन बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा
बावरा हुए ही जा रहा
ये मन बावरा हुए ही जा रहा



Credits
Writer(s): Dhanraj Dadhich, Kapil Jangir
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