Tu Hi Toh Hai

आवारगी करता हूँ, पर मैं आवारा नहीं
छोड़ा खुला दिल को, मगर खुद को बिगाड़ा नहीं
ऐसा लगे, तेरे बिना अब तो गुज़ारा नहीं
किसी का भी हूँगा ना मैं, हुआ जो तुम्हारा नहीं

तू ही तो है ख़याल मेरा, तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहाँ के सभी, तू ही तो है खुमार मेरा
तू ही तो है ख़याल मेरा, तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहाँ के सभी, तू ही तो है खुमार मेरा

ज़िंदा हूँ तुझ पे मर के
भूला सब तुझको पढ़ के
कैसा ये प्यार तेरा?

मैं यारा तेरे आगे देखो दिल हारा हूँ
मैं यारा जैसे भी हूँ, जो भी हूँ, तुम्हारा हूँ
जो तेरी चाहतें समेटे वो किनारा हूँ, कैसे मैं ये कहूँ?

मैं यारा तेरे लिए ज़मीं पे उतारा हूँ
मैं तेरी भोली-भाली आँखों का इशारा हूँ
जो तेरी चाहतें समेटे वो किनारा हूँ, कैसे मैं ये कहूँ?

तू पास भी (ज़रा, ज़रा)
तू प्यास भी (ज़रा, ज़रा)
तू रास भी (ज़रा, ज़रा)
मैं हो गया हूँ तेरा

तू ही तो है ख़याल मेरा, तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहाँ के सभी, तू ही तो है खुमार मेरा
तू ही तो है ख़याल मेरा, तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहाँ के सभी, तू ही तो है खुमार मेरा

ज़िंदा हूँ तुझ पे मर के
भूला सब तुझको पढ़ के
कैसा है प्यार तेरा?



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Pritam
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