Aisi Bhi Kya Baat Hai

ऐसी भी क्या बात है, तुम क्यूँ मुस्कुरा रहे?
ऐसी भी क्या रात है, तुम सो नहीं पा रहे
कहीं दिल लगा कर आए हो या दिल से हार गए?
कहीं दिल लगा कर आए हो या दिल से हार गए?

हम से ना पूछो, हम तो क्या-क्या कर गए
जो ना करना था हम तो वो भी कर गए
कभी दिल लगा कर आए थे अब दिल से हार गए
कभी दिल लगा कर आए थे अब दिल से हार गए

तुम्हें क्या पता इस दिल ने क्या-क्या है सहा
दिया जितना दे सकते थे, हमको क्या मिल?
हँसते-हँसते दिल लुटा कर सब से हार गए
हँसते-हँसते दिल लुटा कर खुद सब से हार गए

वो बात पुरानी हो गई
होगी उसके लिए
ज़रा सोचो उस दिल का
जिसने हर ग़म फिर सह लिया

फिर बेवफ़ा हम को तुम तन्हा क्यूँ कर के गए?
फिर बेवफ़ा हम को तुम तन्हा क्यूँ कर के गए?

सारा दिन तेरी याद में गुज़र जाता है
पलकें भी तेरी याद में भीग जाती है
पर दिल ये सुनेगा नहीं अब तेरी भी, सनम
तू लौट के भी आजा, मगर मुझे नफ़रत की क़सम

ऐसी भी क्या बात है, तुम क्यूँ मुस्कुरा रहे?
ऐसी भी क्या रात है, तुम सो नहीं पा रहे
कहीं दिल लगा कर आए हो या दिल से हार गए?
कहीं दिल लगा कर आए हो या दिल से हार गए?



Credits
Writer(s): Aditya Yadav
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