Dobara

कुछ यादें थी
कुछ बातें थी
संग गुज़ारें वो हसीं शामें थी
तस्वीरों से कुछ यादें याद आती थी
बिन तेरे वो भी अधूरी थी
तूने जो सपनो में देखा था वो सपना सच होगा
आगे तू पीछे मैं तेरे हु फिर तुझको फ़िक्र क्यों
आ ख्वाबों में फिर से आ
तू आके मुझे जगा
संग मेरे यूही कुछ लम्हे तू बिता ओह जान

चल सोचे दोबारा से
कुछ बीतें वो यादें
फिर तुझको तो पाया है मैंने
चल जीले वो ज़िन्दगी
तेरी मेरी ये दिल्लगी
अब बिछड़े तो ना होगा दोबारा
तूने जो सपनों में देखा था वो सपना सच होगा
आगे तू पीछे मैं तेरे हु फिर तुझको फ़िक्र क्यों
आ ख्वाबों में फिर से आ
तू आके मुझे जगा
संग मेरे यूही कुछ लम्हे तू बिता ओह जान



Credits
Writer(s): Anupam Mukherjee
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