Jitni Dafa

जितनी दफ़ा देखूँ तुम्हें, धड़के ज़ोरों से
ऐसा तो कभी होता नहीं मिल के ग़ैरों से
दूर जाना नहीं, तुम को है क़सम
ख़ुद से ज़्यादा तुम्हें चाहते हैं, सनम

दिल में जो भी है तेरा ही तो है
चाहे जो माँग लो, रोका किसने है?
क़त्ल अगर करना हो, करना धीरे से
उफ़ भी नहीं निकलेगी मेरे होंठों से

दूर जाना नहीं, तुम को है क़सम
ख़ुद से ज़्यादा तुम्हें चाहते हैं, सनम
चाहते हैं, सनम
चाहते हैं, सनम



Credits
Writer(s): Jeet Gannguli, Virag Mishra
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