Baarish Bhi Hai Tum Si

कभी बेशुमार बरसी, कभी बेपनाह तरसी
बारिश भी है तुम सी, mmm
कभी बेशुमार बरसी, कभी बेपनाह तरसी
बारिश भी है तुम सी, mmm

यादों के भीगे बादल फिरते हैं दर-ब-दर यूँ
कुछ आस खुद में समेटे, कुछ आस तुझ से लगाए
यादों के भीगे बादल फिरते हैं दर-ब-दर यूँ
कुछ आस खुद में समेटे, कुछ आस तुझ से लगाए

तुझ से लगी लगन सी, मीठी सी एक चुभन सी
बारिश भी है तुम सी, mmm

एक अश्क यूँ तड़प के तुझ से जुदा हुआ है
तेरे इश्क़ की ज़मीं को छू कर फ़ना हुआ है
एक अश्क यूँ तड़प के तुझ से जुदा हुआ है
तेरे इश्क़ की ज़मीं को छू कर फ़ना हुआ है

सब पा के कुछ कमी सी, है भीड़ में थमी सी
बारिश भी है तुम सी, mmm
कभी बेशुमार बरसी, कभी बेपनाह तरसी
बारिश भी है तुम सी, mmm



Credits
Writer(s): Manish Sharma
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