Adhuri

अधूरा है पल भी, अधूरी है सारी ज़िंदगी
गहरा ये दास्ताँ, गहरी है सारी दिल्लगी
ख़बर तक ये तेरा मालूम नहीं
हज़ारों कोशिश पर ख़फ़ा, तू सही

ख़बर तक ये तेरा मालूम नहीं
हज़ारों कोशिश पर ख़फ़ा, तू सही

तुझ से जुदा होने के पल भी
तुझ से जुदा ना हो पाएँगे
तेरे बिना ये साली ज़िंदगी मौत से भी बत्तर क्यूँ लगे?

मौत से डर मुझे नहीं लगता
पर मौत से पहले इक वारी मिल तो सही
मौत से डर मुझे नहीं लगता
पर मौत से पहले इक वारी मिल तो सही

दिल के टुकड़े में तेरा चेहरा आज भी वैसा ही रहे
शीशे में जब भी मैं देखूँ, ना जाने दिल तुझे ढूँढता है
हाल ये कैसा हो गया है मेरा

तुझ से जुदा होने के पल भी
तुझ से जुदा ना हो पाएँगे
तेरे बिना ये साली ज़िंदगी मौत से भी बत्तर क्यूँ लगे?

मौत से डर मुझे नहीं लगता
पर मौत से पहले इक वारी मिल तो सही
मौत से डर मुझे नहीं लगता
पर मौत से पहले इक वारी मिल तो सही



Credits
Writer(s): Anurag Halder
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