Yun Kyun

यूँ क्यूँ...
यूँ क्यूँ ग़ुम तू?
यूँ क्यूँ...

दिल में लपेट के सर्दी क्यूँ करे तू इशारे भी?
Signals catch मैं हूँ करदा
क्यूँ उखाड़े tower को ही?
हो रहा confuse मन में to come close
To you or let you be
छड़ ना तू सारे नाटक, खा ले थोड़ा तरस ही

यूँ क्यूँ...
यूँ क्यूँ ग़ुम तू?
यूँ क्यूँ...

धीमे-धीमे तेरी पलकें झुकी
धीमे-धीमे एक हवा चली
उड़ गया मैं तो तेरे लिए
ख़्वाबों में तू मेरी एन्ट्रियाँ ले चुकी

अब आजा खुद से क्यूँ करनी है बातें इतनी?
तू भी जाने, तू चाहे ये
हम perfect लगते, मेरे मन में जब
हम दोनों साथ में चलते इन गलियों से

दिल में लपेट के सर्दी क्यूँ करे तू इशारे भी?
Signals catch मैं हूँ करदा
क्यूँ उखाड़े tower को ही?
हो रहा confuse मन में to come close
To you or let you be
छड़ ना तू सारे नाटक, खा ले थोड़ा तरस ही

यूँ क्यूँ...
यूँ क्यूँ ग़ुम तू?
यूँ क्यूँ...



Credits
Writer(s): Shashwat Singh
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