Garaj Garaj Jugalbandi

गरज-गरज आज मेघ
घनन-घनन छायो रे
गरज-गरज आज मेघ
घनन-घनन छायो रे
दमक-दमक चमके बिजुरी
कहत है ऋतुराज आयो री

गरज-गरज आज मेघ
गरज-गरज आज मेघ

इस रुत के संग रंगी हरित रंग में धरा
सब बिहंग आज दंग देख रंग ये हरा
इस ऋतु में आज तू भी अंग-अंग रंग ले
तार की झंकार छेड़, संग में मृदंग ले

घुमन-घुमन काली घटा
काली घटा, काली घटा, काली घटा
घुमन-घुमन काली घटा रौद्र रूप धर के
धरती को रोम-रोम धड़के, धड़के
छन, छन, छन, छन, नल भर दे

गरज-गरज आज मेघ
घनन-घनन छायो रे
दमक-दमक चमके बिजुरी
कहत है ऋतुराज आयो री

गरज-गरज आज मेघ
गरज-गरज आज मेघ
गरज-गरज आज मेघ



Credits
Writer(s): Shankar Ehsaan Loy, Sameer Samant
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