Bemaayne

तुम बिन मेरा सफ़र भी है, शाम-ओ-सहर भी है बेमायने
यूँ तो नज़र भर के हैं नज़ारे, फिर भी हैं बेमायने
कैसी ये तेरी क़मी है? कुछ भी सही तो नहीं है
ख़ुद को लगूँ मैं तुम बिन बेमायने

बेमायने
बेमायने
बेमायने

बारिशों के मौसम में ठंडक वो पहले सी है कहाँ
सारा कुछ तो संग ले गए हो, जाने गए हो कहाँ
मुझमें बाकी हो, दूर जाके ये कैसा कायदा है?
तन्हा-तन्हा यूँ मेरा जीना भी जैसे बेवजह है

अब ना तुम्हारा संग है तो गुलाबी रंग भी है बेमायने
यूँ तो नज़र भर के हैं नज़ारे, फिर भी हैं बेमायने
कैसी ये तेरी कमी है? कुछ भी सही तो नहीं है
ख़ुद को लगूँ मैं तुम बिन बेमायने

बेमायने
बेमायने
बेमायने



Credits
Writer(s): Saaveri Verma, Siddharth Slathia
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