Beparwah Musafir - From "Jogiyaa Rocks"

जख्मों की लौ पे सुलगता रहा
दर्द से रोता बिलकता रहा
जख्मों की लौ पे सुलगता रहा

दर्द से रोता बिलकता रहा
गिरता संभलता सोलों में जलता
बेखौफ़ चलता रहा

बेपरवाह मुसाफ़िर, बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे

वो बीता हुआ पल
जो याद आए हरपल
कैसे मैं भुलाऊँ उस पल को
गम जिद्द पे अड़ा था

मैं तन्हा खड़ा था
ओ मंजिल की धुन में जब कल को
गिरता संभलता सोलों में जलता

बेखौफ़ चलता रहा
बेपरवाह मुसाफ़िर, बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे

बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे

दिल आवारा बादल है थोड़ा सा पागल
मुश्किल है मानना इस दिल को
दिल सदके में तेरे है
ना बस में मेरे

ठुकरा के हर एक महफ़िल को
गिरता संभलता सोलों में जलता
बेखौफ़ चलता रहा
मुसाफ़िर, बेपरवाह मुसाफ़िर

बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे

बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह, बेपरवाह, बेपरवाह, हो बेपरवाह
बेपरवाह, बेपरवाह, बेपरवाह, हो बेपरवाह



Credits
Writer(s): Vineet Sharma, Saahil Fathepuri, Sufi Bhatt
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