Itna Yaqeen Rakhna

एक परिंदा डाल से उड़ के मेरी खिड़की पे आ बैठा
मैंने उसकी बात सुनी, वो बात अनोखी सी कह बैठा
आएगी नई सुबह

रखना, रखना, इतना यक़ीं रखना
रखना, रखना, इतना यक़ीं रखना



Credits
Writer(s): Rashmi Virag
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