Ho Sake Kabhi

तू ही है राह मेरी
तू है सफ़र मेरा
तेरा ही कर रहा था इंतज़ार
तुझ बिन हम खोये हुए
जागे थे सोये हुए
करते थे अपनी तुमपे जां निसार

क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?
क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?

तुझ बिन अब मेरा, क्यूँ मेरा ये हाल है?
तुझ बिन सवेरा क्यूँ लगता आज ये शाम है?
तुझ बिन अब मेरा, क्यूँ मेरा ये हाल है?
तुझ बिन सवेरा क्यूँ लगता आज ये शाम है?

हो सके कभी: मेरे सपनों में तू ठहर जा
हो सके कभी: मेरे लफ़्जों में अब तू समा जा
हो सके कभी: मेरे ज़हन में तू उतर जा
हो सके कभी...

क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?
क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?

तू ही है राह मेरी
तू है सफ़र मेरा
तेरा ही कर रहा था इंतज़ार
तुझ बिन हम खोये हुए
जागे थे सोये हुए
करते थे अपनी तुमपे जां निसार

क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?
क्यूँ है तू खफ़ा-खफ़ा आज भी?
कैसी ये दिल में नाराज़गी?



Credits
Writer(s): Sourav Guhathakurta
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link