Kaisi Ye Jagah Hai

कैसी ये जगह है
ना कोई शोर ना सन्नाटा
ना कोई आसमां है
ना कोई दरिया सा

आए हैं चल के यहाँ
बड़ी दूर से
किसी छोर से

कैसी ये जगह है
ना कोई चौखट ना दरवाज़ा
कुछ उड़ते पंछी हैं
और बहता कोई पत्ता सा

बस मैं और तुम हो यहाँ
हो यहाँ

ना कोई दौड़ है
ना कोई इल्म दुनिया का

मैं, मैं और मेरी ये रूह
हो गये रूबरू
आके यहाँ
मेरे, मेरे हालातों को
राहत मिली आके यहाँ...

और मेरी ज़िंदगी
खो गई है कहाँ?



Credits
Writer(s): Dream Note, Ritvik Nagarkar
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