Kahin Ka Na Chorha

जिस्मों का ना जन्मों का था, तुझसे तो प्यार ये
बातों का ना वादों का था, तुझसे तो प्यार ये
तुझसे ही तो थी दीवानगी मेरी (दीवानगी)
पर तुझे कोई दूजा ही ले गया

जीना मेरा छीना और ज़िंदगी ने रुख़ मोड़ा
तूने कहीं का ना छोड़ा

बारीक थे वो पल बड़े, तेरे जो साथ थे
किस्सा ही बना, हिस्सा नहीं बना
मैं तेरे लिए तमाशा बना, हाँ...

जीना मेरा छीना और ज़िंदगी ने रुख़ मोड़ा
तूने कहीं का ना छोड़ा



Credits
Writer(s): Bharat Goel, Siddhant Kaushal
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