Haan... Main Nahi

था मैं नमाज़ी, अब हूँ मैं काफ़िर
जो ख़ुदा मेरा, मुझसे यूं रूठा
क्या है नाराज़ी, मुझसे यूं आख़िर
जो मेरा साथ, तुझसे यूं छूटा

क्या समझे ख़ुद को, क्या तेरे बिन मैं नहीं
क्या समझे ख़ुद को, क्या तेरे बिन मैं नहीं
हां... मैं... नहीं...
हां... मैं... नहीं...

हां... मैं... नहीं...
हां... मैं... नहीं...

जी रहा हूँ कैसे, मैं इस जहां में
ना ख़ुशी है, ना कोई... ग़म है यहां
खड़ा हूँ आकर ऐसे मोड़ पे
राहें हैं हर तरफ़ मंज़िल कहाँ

तस्कीन-ए-दिल क्यूं, मिला ना ज़रा भी
है राहतों का आईना टूटा
इन नातवां सी, गिरहों की प्यासी
ये आग सच की, और धुंआ झूठा

क्या समझे ख़ुद को, क्या तेरे बिन मैं नहीं
क्या समझे ख़ुद को, क्या तेरे बिन मैं नहीं

हां... मैं... नहीं...
हां... मैं... नहीं...

हां... मैं... नहीं...
हां... मैं... नहीं...



Credits
Writer(s): Amitabh Poonar
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