Seher

सुनहरी सुबह, सुबह आई
लेकर तुझे नज़्में हज़ार, हज़ार लायी

आईने में मेरे है दिखा अक्स तेरा
दरारों के बीच बिखरे नूर सा

शाख़ों में है खिली रोशनी
पलकों में तेरी हँसी
ओस की बूँद है जो गिरी
होंठों पे तेरी नमी

शाख़ों में है खिली रौशनी (सुनहरी सुबह आयी)
पलकों में तेरी हँसी
ओस की बूँद है जो गिरी (सुनहरी सुबह आयी)
होंठों पे तेरी नामी

शाख़ों में है खिली रौशनी
पलकों में तेरी हँसी
ओस की बूँद है जो गिरी
होंठों पे तेरी नमी



Credits
Writer(s): Aaditya Rakheja
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