Haal Mera

जब से गया है तू साँसों में क़मी क्यूँ?
ख़ाबों में बेचैनी, आधा सा जियूँ क्यूँ?
हो के मेरा तू मुझ से जुदा है क्यूँ?

जब से गया है तू साँसों में क़मी क्यूँ?
ख़ाबों में बेचैनी, आधा सा जियूँ क्यूँ?
हो के मेरा तू मुझ से जुदा है क्यूँ?

मैं ना समझा कभी तेरे जज़्बातों को
खोया-खोया मैं रहा
खोया सा दिल था मेरा
खोया है प्यार मेरा

जान जा रही मेरी तेरे बिन
आजकल कटते नहीं पल भी तेरे बिन, यारा
और समझा सकूँ ना, तुझ को बता सकूँ ना
हाल मेरा, क्या है हाल मेरा

इम्तेहाँ ले रही मेरी ज़िंदगी, रात-दिन
आँखें नम नहीं फिर भी, यारा, बेचैन हम
समझा सकूँ ना, तुझ को बता सकूँ ना
हाल मेरा, क्या है हाल मेरा

ज़्यादा से ज़्यादा क्या होना है मेरी जाँ?
सोचा के जाने दूँ, मैं भी था परेशाँ
यारा, मैं ना जानू कब तुझे खो दिया

सारी की सारी ये बातें लगे फ़िज़ूल
ख़ाबों में आके तू होती है रू-ब-रू
मेरा फ़साना, मेरा ख़ुदाया तू

दिल ये ख़फ़ा बड़ा ख़ुद से है हो चला
माने सारी ग़लतियाँ
तेरा ही था ये और तेरा रहे, सदा

जान जा रही मेरी तेरे बिन
आजकल कटते नहीं पल भी तेरे बिन, यारा
और समझा सकूँ ना, तुझ को बता सकूँ ना
हाल मेरा, क्या है हाल मेरा

इम्तेहाँ ले रही मेरी ज़िंदगी, रात-दिन
आँखें नम नहीं फिर भी, यारा, बेचैन हम
समझा सकूँ ना, तुझ को बता सकूँ ना
हाल मेरा, क्या है हाल मेरा



Credits
Writer(s): Kabir Pancholi, Neel Chhabra
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