Tere Nashe Mein Choor

एक मुझ को तो तेरी तलब सी है
और इस मौसम ने आग लगाई
तुझे छूने की ज़िद्द भी गजब सी है
मेरे दिल में क्यूँ मचे तबाही?

भुला के तू गम को अपने अब तो होश खोने दो
रोको ना खुद को जो भी होता है आज होने दो
तेरे होठों को छू के मैं (छू के मैं)
तेरे नशे में हूँ
चूर...
चूर...
तेरे नशे में हूँ
चूर...
चूर...

ये कैसा असर है तेरा मुझ पे?
कोई जादू है, समझूँ ना? ओ...
तू जितना भी करीब आती है
उतना मुश्किल है ना छूना

इस लम्हें में जो माँगे दे दूँगा
वैसे जाँ मैंने तुझ पे लुटाई
दिल नाजुक सा है मेरा जान-ए-जाँ (जान-ए-जाँ)
बस तू करना ना लापरवाही

भुला के तू गम को अपने अब तो होश खोने दो
रोको ना खुद को जो भी होता है आज होने दो
तेरे होठों को छू के मैं (छू के मैं)
तेरे नशे में हूँ
चूर...
चूर...(तेरे नशे में हूँ) चूर (तेरे नशे में हूँ)
तेरे नशे में हूँ
चूर... हो तेरे (नशे में हूँ)
चूर...(नशे में हूँ)

भुला के तू गम को अपने अब तो होश खोने दो
रोको ना खुद को जो भी होता है आज होने दो
तेरे होठों को छू के मैं (छू के मैं)
तेरे नशे में-



Credits
Writer(s): Gajendra Verma
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