Zindagi

सर्द काली रातों में
सूखी ठंडी सांसों में
टूट के था मांगा जिसको
तू ही तो था

मेरे जज़्बातो की
डोरी सम्भाले तू
आज साथ है मेरे संग
ख्वाइश जो था

इस दिल का क्या करे?
अब तुझ बिन ना रहे

कही खोया ये रहे सुबहो -शाम

तेरे होने से संवरती ज़िन्दगी
तुझे पाने से मुकम्मल ज़िन्दगी
मेरी आँखों मे खुशी की है नमी
तू जीना साथ मेरे ज़िन्दगी

शुक्रिया है तुझको
तूने रोशनी दिखायी है
कॉटे जैसा मै था
मुझको आशिकी सिखायी है

हाथ जैसे नाजु़क कलियॉ
होंठ उसकी लाली है
आँखों से सुनायी उसने
अनकही कहानी है

जब दिल पगलाये
मुझे कुछ भी ना भाये
मै भागूं तेरी ओर

जो तू नजर ना आये
धड़कन रूक जाये
तू मेरे दिल का चोर

तुझे तुझसे ही मांगे
और सबसे छुपा ले
है हमपे किसका जोर

तू शाम मे चलती है ठंडी हवा
तू चंदा मै चकोर

तेरे हाथों में हैं मेरी ज़िन्दगी
तुझे पाने से मुकम्मल ज़िन्दगी
मेरी आँखों में खुशी की है नमी
तू जीना साथ मेरे ज़िन्दगी



Credits
Writer(s): Tarun Shukla
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