Awara

चल बेवजह कुछ पल जी ले, तू खामखा कुछ पल जी ले
हर शाम घर जाने वाली आदत ज़रा तू बदल भी ले

वो राह नहीं कभी-कभी तू ज़रा सा हो बुरा
तो ज़िंदगी की जेब से तेरे हैं जो वो लम्हें चुरा
थोड़ा सा आवारा ये दिल जो ना हुआ
तो उम्र ये तेरी उड़ी जैसी धुआं
थोड़ा सा आवारा ये दिल जो ना हुआ
तो उम्र ये तेरी उड़ी जैसी धुआं, जैसी धुआं

सारी रातें नींदों के खातें में तू जमा ना करा ना
कभी-कभी अपनी उड़ानों को खुद तो आजमाना
तलाश ले कोई चाँद तू, आसमा को झुका ले
यूँ ख्वाहिशों को ना बांध तू, पेहरे दिल की उड़ानों से हटा ले

वो राह नहीं कभी-कभी तू ज़रा सा हो बुरा
तो ज़िंदगी की जेब से तेरे हैं जो वो लम्हें चुरा
थोड़ा सा आवारा ये दिल जो ना हुआ
तो उम्र ये तेरी उड़ी जैसी धुआं

थोड़ा सा आवारा...
हो, आवारा...
आवारा...
हो, आवारा



Credits
Writer(s): Abhilekh Lal, Ravi Chopra
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