Besabriyaan X Phir Kbhi

रास्ते भागे पाँव से आगे
ज़िंदगी से चल कुछ और भी माँगें
रास्ते भागे पाँव से आगे
ज़िंदगी से चल कुछ और भी माँगें

क्यूँ सोचना है जाना कहाँ?
जाएँ वहीं ले जाए जहाँ
क्यूँ सोचना है जाना कहाँ?
जाएँ वहीं ले जाए जहाँ बेसब्रियाँ, बेसब्रियाँ

ये लमहा जो ठहरा है
मेरा है, ये तेरा है
ये लमहा मैं जी लूँ ज़रा

तुझ में खोया रहूँ मैं, मुझ में खोई रहे तू
खुद को ढूँढ लेंगे फ़िर कभी
तुझ से मिलता रहूँ मैं, मुझ से मिलती रहे तू
खुद से हम मिलेंगे फ़िर कभी
हाँ, फ़िर कभी

क्यूँ बेवजह गुनगुनाएँ?
क्यूँ बेवजह मुस्कुराएँ?
पलकें चमकने लगी हैं
अब ख़ाब कैसे छुपाएँ?

बहकी सी बातें कर ले
हँस-हँस के आँखें भर ले
ये बेहोशियाँ फिर कहाँ?

बेसब्रियाँ
तुझ में खोया रहूँ मैं, मुझ में खोई रहे तू
बेसब्रियाँ
खुद को ढूँढ लेंगे फ़िर कभी
हाँ, फ़िर कभी



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir
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