Tum Se Hi

आँखों में आँखें तेरी, बाँहों में बाँहें तेरी
मेरा ना मुझ में कुछ रहा, हुआ क्या?
बातों में बातें तेरी, रातें-सौगातें तेरी
क्यूँ तेरा सब ये हो गया? हुआ क्या?

मैं कहीं भी जाता हूँ, तुम से ही मिल जाता हूँ
तुम से ही, तुम से ही
शोर में खामोशी है, थोड़ी सी बेहोशी है
तुम से ही, तुम से ही

ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने क्यूँ होना ही है

आधा सा वादा कभी, आधे से ज़्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ इस तरह वफ़ा का
छोड़े ना छूटे कभी, तोड़े ना टूटे कभी
जो धागा तुम से जुड़ गया वफ़ा का

मैं तेरा सरमाया हूँ, जो भी मैं बन पाया हूँ
तुम से ही, तुम से ही
रास्ते मिल जाते हैं, मंज़िलें मिल जाती हैं
तुम से ही, तुम से ही

ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने क्यूँ होना ही है



Credits
Writer(s): Irshad Kamil
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link