Chwiyon Lagaanu Ku Dhang

तेरी छ्वीयों लागाणु कु ढंग
कै देखी देखी आयी,कै देखी देखी आयी
तेरी स्वांणी मुखुडी कु रंग
त्विन कख बटिन चुरायी, कख बटिन चुरायी

तेरू तला गौं मा, मला गौं मा
चर्चा ह्वेगे आम
त्वें देखी बुढ़्या ज्वान सभी
ब्वन लगिगे हाय राम
तू दिन रात खौला- खौला मा घुमदी
काज ना तेरौ क्वै काम
छ्वींयों छ्वीयों मा त्वें पता नि चलदु
ह्वैगे सुबेर से से श्याम
तेरी आंख्यों मा जादू छ भंग
तेरे दिल मा हम छा बंद
बोल कति छा कैदी बणायीं,और कति छा कैदी बणायीं

सैरा बाजार कु काम थमिगे
औंण से तेरा बाजार
टक लगै सभी देखणा त्वेंते
त्वे पे सारी नजर।
नया जमाना की नौनी छै तू
त्यारा नखरा छन हजार
सैरा सामान कु भाव पता त्वें
सबुकी त्वेंतै ख़बर
तू यार दगड्यों को संग
उड़ी जांदी बंणिके पतंग
सुदी लूटी ना कैगी जिकुडी,लूटी ना कैगी जिकुडी

बोली बुलाणै की मीठी छ मीठी
खार्यू छा तेरो हिया
भाव कैथे तू देणी ही नि
सब खैली हाथ को रयां
जवानी मा तेरी उमाल इतिगा
बड्यां यखी बोल्या
खोली दे द्वार दिल का अपणा
मिथे बणे दे ब्योला।
तेरी ज्वानी देखी सब दंग
हाँ कन लैगी सत्संग
बोल कति छै जोगी बंणायी



Credits
Writer(s): Pradeep Pharswan
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