In Hawaon Main

ढल रही हैं शामें और बदल रही फ़िज़ाएँ
बदल रहे हैं मौसम और बदल रही हवाएँ
ख़ो गए हैं हम कहाँ! ये गुम सी हैं वो राहें
ये ओस की बूँदें और नम सी ये हवाँए

ख़ो गया हूँ मैं, इन हवाओं में
गुम गया हूँ मैं, इन घटाओं में

सूने से ये रास्ते और सूनी हैं ये बाहें
पलकों को चूमती ये सर्द सी हवाएँ, धीरे-धीरे

ख़ो गया हूँ मैं, इन हवाओं में
गुम गया हूँ मैं, इन घटाओं में

दिल ये ठहरा हुआ है
मन बेपरवाह हुआ है
ख़शी के पल ढूँढता फिर रहा हूँ मैं
इन सूनी सी राहों में

ख़ो गया हूँ मैं, इन हवाओं में
ख़ो गया हूँ मैं, इन हवाओं में



Credits
Writer(s): Vaibhav Rawat
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