Kabhi Yun Bhi Aa

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो
मुझे एक रात नवाज़ दे
मगर उसके बाद सहर ना हो
कभी यूँ भी आ...

वो बड़ा रहीम-ओ-करीम है
मुझे ये सिफ़त भी अता करे
वो बड़ा रहीम-ओ-करीम है
मुझे ये सिफ़त भी अता करे

तुझे भूलने की दुआ करूँ
तो मेरी दुआ में असर ना हो
तुझे भूलने की दुआ करूँ
तो मेरी दुआ में असर ना हो

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो
मुझे एक रात नवाज़ दे
मगर उसके बाद सहर ना हो
कभी यूँ भी आ...

कभी धूप दे, कभी बदलियाँ
दिल-ओ-जाँ से दोनों क़ुबूल हैं
कभी धूप दे, कभी बदलियाँ
दिल-ओ-जाँ से दोनों क़ुबूल हैं

मगर उस नगर में ना क़ैद कर
जहाँ ज़िंदगी की हवा ना हो
मगर उस नगर में ना क़ैद कर
जहाँ ज़िंदगी की हवा ना हो

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो
कभी यूँ भी आ...

मेरे पास, मेरे हबीब आ
ज़रा और दिल के क़रीब आ
मेरे पास, मेरे हबीब आ
ज़रा और दिल के क़रीब आ

तुझे धड़कनों में बसा लूँ मैं
कि बिछड़ने का कोई डर ना हो
तुझे धड़कनों में बसा लूँ मैं
कि बिछड़ने का कोई डर ना हो

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो
मुझे एक रात नवाज़ दे
मगर उसके बाद सहर ना हो
कभी यूँ भी आ...



Credits
Writer(s): Bashir Badr, Satish Babbar
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