Dil Kahi Ka

अपनी मनमर्ज़ी चलाए, ना सुने ये नासपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे, या तो फीका, या है तीखा
कोई तो बताए संग रहने का सलीक़ा
गुदगुदाए, फिर रुलाए, ज़िद्दी साला दिल कहीं का

मजबूरियाँ थी, ये पगला ना जाने
मुझसे ख़फ़ा है ख़ामख़ाह
ज़ख्मों को भरने में वक्त लगे है
इतना ना समझे ये मुआ, हाँ

मैं कैसे मिटाऊँ जो तक़दीर में था लिखा?
बरगलाए, तिलमिलाए, है इरादा खुदकुशी का
मनमर्ज़ी चलाए, ना सुने ये नासपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे, या तो फीका, या है तीखा

बिखरे वो क़िस्से भर के लिफ़ाफ़े
भेजे पते पे क्यूँ पता नहीं लापता?
बेचनियों के ओढ़े लिहाफ़े
दम घुट रहा है, और मैं दम हूँ खोजता

नया क्या मैं बताऊँ? तू तो जाने सारा क़िस्सा
या सलाह दे, या सज़ा दे, या तो झूठा दे दिलासा
मनमर्ज़ी चलाए, ना सुने ये नासपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे, या तो फीका, या है तीखा
कोई तो बताए संग रहने का सलीक़ा
गुदगुदाए, फिर रुलाए, ज़िद्दी साला दिल कहीं का

ज़िद्दी साला दिल कहीं का



Credits
Writer(s): Dino James
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