Gustakhiyan

सुन हमनशी
क्यूँ चेहरे से कभी
हटती नही हैं इन आँखों से नाराज़गी

दिल पे कहा
हैं काबू यहा
क्यूँ चुपति नही हैं हमारी ये बेईमानगी

क्यूँ ये आँखों से आँखें अब मिलती नही
क्यूँ बातें अधूरी सी हैं रह चुकी
क्यूँ रातों को भी नींद आती नही
इस दिल की भी सुन ले कभी

गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना
गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना

ग़लती हुई
हैं मुजसे और तुज़से कई
ये दिल हैं क्यूँ बेपरवाह, मुश्किल समझना अभी

राहें वही
पर चेहरे हैं कई
अब जाना क्यूँ दुनिया को ज़ालिम बुलाते सभी

क्यूँ ये आँखों से आँखें अब मिलती नही
क्यूँ बातें अधूरी सी हैं रह चुकी
क्यूँ रातों को भी नींद आती नही
इस दिल की भी सुन ले कभी

गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना
गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना

गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना
गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना

गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना
गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना

गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना
गुस्ताखियाँ
माफ़ कर दे ना



Credits
Writer(s): Keshav Kk
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