Dhoop Aaane Do (Unplugged)

उधेड़ा है बहुत हमने ज़मीं को
कमर तोड़ी है दरिया की हमने
पहाड़ों को धकेला है
ज़मीं बूढ़ी ना हो जाए, इसे करवट बदलने दो

धूप आने दो, धूप आने दो
धूप आने दो, धूप आने दो

मीठी-मीठी है, बहुत खूबसूरत है
उजली-रोशन है ज़मीं, गुड़ की ढेली है
गहरी सी ज़हरी हवा उतरी है इस पर
लगे ना धुँध इसे, हटकर ज़रा सी देर तो ठहरो

धूप आने दो, धूप आने दो
धूप आने दो ना, धूप आने दो

आफ़ताब उठेगा तो किरणों से छानेगा वो
गहरी ज़हरीली हवा में रोशनी भर देगा वो
मीठी हमारी ज़मीं बीमार ना हो
हट के बैठो ज़रा, हट के ज़रा, थोड़ी जगह तो दो

धूप आने दो, धूप आने दो
धूप आने दो ना, धूप आने दो



Credits
Writer(s): Vishal Bhardwaj
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