Yakeen

क्या होती हदें ख़्वाबों की?
उड़ानों के भी क्या दायरे?
हाँ, अड़ गए ज़िद पे हम अपनी
ना मंज़ूर मंज़िल से फ़ासले

जोश है ऐसा रगों में
जले है जुनूँ, दहके हैं हौसले भी
हाँ, हम चलें, जुड़े ज़माना
उम्मीदों पे चलते हैं अपने क़ाफ़िले ही

उड़ें, ayy-ayy-ayy, उड़ें, ayy-ayy
ना रुकें, ayy, यक़ीं के बुलबुले
उड़ें, ayy-ayy-ayy, उड़ें, ayy-ayy
ना रुकें, ayy, यक़ीं के बुलबुले

हम रोशनी, हम आग भी
हम से डरें परछाइयाँ
हम बूँद हैं, तूफ़ान भी
कर दें खामोश हम आँधियाँ

ना बोलना, कुछ है नामुमकिन
फ़ितूर इतना, करके दिखला देंगे
ना-ना पूछना, करना क्या हासिल?
तारे भी मिल जाएँ, हम तो चले जाएँगे
Hey, hey, ooh

उड़ें, ayy-ayy-ayy, उड़ें, ayy-ayy
ना रुकें, ayy, यक़ीं के बुलबुले
उड़ें, ayy-ayy-ayy, उड़ें, ayy-ayy
ना रुकें, ayy, यक़ीं के बुलबुले



Credits
Writer(s): Chhavi Sodhani
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