Dhanak Mahi Ve

माही वे, तेरी अंख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।
माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।

पहली दफ़ा जब तुम से मिला
तो ऐसा लगा जैसे रब मिल गया
मिलके तुझे मैं धूल सा गया हूँ
रंगों से तेरी मैं धनक बन गया हूँ

अब की दफ़ा जो फिर से मिले तो
बरसाना मुझ पे अपनी दुआ, बनके हवा रे

माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।
माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।

खोया हूँ रेहंदा मैं तो सदा
हुआ बाँवरा, मैं हुआ बाँवरा
मिलके तुझे मैं गुम सा हुआ
खुद को भुला के मैं तुम सा हुआ

यादों ने जैसे तेरी गले हो लगाया
खुश हूँ मैं लम्हा-लम्हा जो तुम हो सदा
आने से तेरे मुझ में नूर हो आया
खुश हूँ मैं लम्हा-लम्हा जो तुम हो सदा, बनके हवा रे

माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।
माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।

माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया।
माही वे, तेरी आँख दा नजारा,
मेरे दिल दा, सहारा बन गया (माही वे)



Credits
Writer(s): Saurabh Gupta
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