Is Qadar

मर्ज़-ए-दिल को ख़बर क्यूँ नहीं?
है क्या हुआ?
ढूँढता हूँ तुझे मैं दर-ब-दर
है लापता

तुझ से मिला जो मैं तो
खुद को खुद से जैसे खो दिया (जैसे खो दिया)
दिल पे रहा ना क़ाबू
ऐसा जादू मुझ पे चल गया (मुझ पे चल गया)

इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है
इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है

चाहे दिन हो या चाहे रात हो
तू हर दफ़ा मेरे साथ हो
माँगूँ यही बस रब से मैं दुआ

इस बेरुखी सी ज़िंदगी में
है बचा कुछ भी नहीं
धीरे से तू आ मुझ पे बरस जा

बेनाम था जो मेरा दिल
ये अब से तेरा हो गया
Mmm-mmm, बिन तेरे जो गुज़ारा
बेवजह वो लमहा हो गया (हो गया)

इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है
(चाहत हुई है)
इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है

हम दोनों की मैंने लिखी है ये कहानी
लेके तुझ से मोहब्बत की ये ज़ुबानी

अल्फ़ाज़ थे जो मेरे
जुड़ के तुझ से नग़में बन गए
अफ़साने थे अधूरे बिन तेरे जो
पूरे हो गए

इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है
इस क़दर तुझ से मोहब्बत हुई है
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है

इस क़दर तुझ से (मोहब्बत, मोहब्बत)
इस क़दर तुझ से चाहत हुई है (चाहत)



Credits
Writer(s): Siddhant Mishra
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